यह जो परमाणु केन्द्रों की सूची स्थान के साथ आदान-प्रदान की जाती है , यह कार्य तो स्वयं पे खतरा मोल लेने जैसा ही है। युद्ध में कोई भी शत्रु की पराजय चाहता है उसके वह सारे समझौते तोड़ देता है। हाँ ये बात तो सच्च है जो समझौता तोड़ता है उस अन्तर्राष्ट्रीय दबाव पड़ता हैं।