दूसरों के आदर्शों पे चलने से अच्छा स्वयं को आदर्श बनाओ

स्वामी जी कहते हैं अपना आदर्श लेकर उसे चरितार्थ करने का प्रयत्न करे। दूसरों के आदर्शों को लेकर चलने के अपेक्षा , जिनको वह पूरा कर नहीं सकता ,  उससे अच्छा उसे अपने आदर्शों को लेकर चलने से सफलता का अधिक निश्चित मार्ग मिलेगा।

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