क्या आप वैदिक सभ्यता के बारे में जानते हैं ये तथ्य
वैदिककाल को दो भागों में बांटा गया है - ऋग्वैदिक काल (1500 BC - 1000 BC ) और उत्तर वैदिक काल( 1000 BC - 600 BC )
आर्यों द्वारा जिस सभ्यता को अपनाया गया उसे वैदिक सभ्यता कहते हैं।
आर्यों द्वारा जो सभ्यता विकसित की गई वह ग्रामीण सभ्यता पर आधारित थी।
आर्य अपनी भाषा के रूप में संस्कृत का प्रयोग करते थे।
आर्यों का समाज पितृप्रधान था और परिवार के मुखिया को कुलप कहा जाता था।
आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ वनस्पति से बना सोमरस था।
उत्तरवैदिक काल में वर्ण , व्यवसाय की बजाय जन्म के आधार पर तय किया जाने लगा।
उत्तरवैदिक काल में पहली बार पक्की ईंटों का प्रयोग कौशांबी में किया गया और गोत्र नामक संस्था का उदय उत्तरवैदिक काल में ही हुआ।
सांख्य दर्शन भारत के सभी दर्शनों में सबसे प्राचीन माना जाता है।
आर्यों द्वारा जिस सभ्यता को अपनाया गया उसे वैदिक सभ्यता कहते हैं।
आर्यों द्वारा जो सभ्यता विकसित की गई वह ग्रामीण सभ्यता पर आधारित थी।
आर्य अपनी भाषा के रूप में संस्कृत का प्रयोग करते थे।
आर्यों का समाज पितृप्रधान था और परिवार के मुखिया को कुलप कहा जाता था।
आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ वनस्पति से बना सोमरस था।
उत्तरवैदिक काल में वर्ण , व्यवसाय की बजाय जन्म के आधार पर तय किया जाने लगा।
उत्तरवैदिक काल में पहली बार पक्की ईंटों का प्रयोग कौशांबी में किया गया और गोत्र नामक संस्था का उदय उत्तरवैदिक काल में ही हुआ।
सांख्य दर्शन भारत के सभी दर्शनों में सबसे प्राचीन माना जाता है।
Comments
Post a Comment