डेंगू के लक्षण , कारण और बचाव
डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरल रोग है जो की संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।
इस मच्छर के काटने पर विषाणु तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाते जिसके कारण तेज बुखार और सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसे हड्डी तोड़ बुखार या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू होने पर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है जिसके कारण कई बार जान का जोखिम भी बन जाता है।
इस मच्छर के काटने पर विषाणु तेजी से मरीज के शरीर में अपना असर दिखाते जिसके कारण तेज बुखार और सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसे हड्डी तोड़ बुखार या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू होने पर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है जिसके कारण कई बार जान का जोखिम भी बन जाता है।
बहुत से लोग अनजाने में इसके लक्षण पहचाहने में काफी देरी कर देते है जिसकी वजह से यह बुखार काफी तेजी से मरीज को अपनी चपेट में ले लेता है।
# डेंगू बुखार के लक्षण #
कमर, मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में तेज दर्द के साथ तेज बुखार आता है।
गले में दर्द , खरास , जी मिचलाना , उल्टी , दस्त होना और सबसे मुख्य लक्षण यह है कि त्वचा पर लाल रंग के दाने नीकल आते हैं।
गले में दर्द , खरास , जी मिचलाना , उल्टी , दस्त होना और सबसे मुख्य लक्षण यह है कि त्वचा पर लाल रंग के दाने नीकल आते हैं।
स्थिति गम्भीर होने पर प्लेट-लेट्स की संख्या तेजी से कम होती है । नाक, कान, मुँह या अन्य अंगों से रक्त स्राव शुरू हो जाता है। रक्त चाप काफी कम हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा ना मिले तो रोगी कोमा में चला जा सकता है।
# डेंगू होने के मुख्य कारण #
गर्मी और बारिश के मौसम में यह बीमारी तेजी से पनपती है। डेंगू के मच्छर हमेशा साफ पानी में पनपते है , जैसे : छत पर लगी पानी की टंकी, घड़ो और बाल्टियों में जमा पानी, कूलर का पानी, गमलो में जमा पानी आदि।
डेंगू के मच्छर अक्सर दिन में ही काटते हैं।
डेंगू के मच्छर अक्सर दिन में ही काटते हैं।
# डेंगू से बचाव #
डेंगू जमा हुवे पानी में पनपता है इसलिए घर में या आस पास पानी जमा होने न दे। कूलर है तो उसमें मिट्टी के तेल का छिडकाव करे।
एन्टी मासक्युटो क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट जैसे आल आउट, मच्छरदानी आदि का प्रयोग करें।
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की शरीर में तेजी से कमी होने लगती है । इसलिऐ यह जरूरी है कि जैसे ही इसके लक्षणों का पता चले मरीज को पीपते के पत्ते पानी में या पीस कर देना चाहिऐ। यह शरीर में प्लेटलेट्स (platelets) बढाने का काम करते है लेकिन देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
इसके साथ साथ मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दीजिये जिससे कि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।
इसके साथ साथ मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दीजिये जिससे कि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।
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