बज्रासन ( vajrasana ) की विधि व उससे लाभ

नमस्कार दोस्तों !!   वज्रासन का अर्थ होता है वज्र के  समान कठोर स्थिति वाला आसन | इस आसन को दिन में कभी भी किया जा सकता है | भोजन के बाद इस आसन को करने से पाचन शक्ति बढती है और भोजन जल्दी पचता है तह | यह आसन पाचनशक्ति , स्नायुशक्ति और वीर्यशक्ति देनेवाला होता है | इस आसन को आप पंद्रह से आधा घंटा तक कर  सकते है |  तो आइये जानते हैं इस आसन को कैसे किया जाता है | 

                               #  वज्रासन  करने की विधि  #

१.  सबसे पहले सामान्य श्वांस लेते हुवे एक स्वच्छ आसन पर अपने दोनों पैरों को फैलाकर बैठ जाएं | 
२.  अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर दोनों एड़ियों पर  इसप्रकार से बैठ जायें कि  दोनों पैरों के अंगूठे आपस में लगे रहें | 
३.  कमर और पीठ एकदम सीधी रखें | 
४.  दोनों  हांथो की कुहनियों  बिना मोड़ें घुटनों पर रखें | 
५.  पांच मिनट से आधा घंटा तक इस आसन को करने के बाद  आराम से सामान्य स्थिति में आयें | 



# वज्रासन करने से होने वाले फायदे  #


१.  इस आसन को करने से पेट की तमाम रोगों से बचा जा सकता है | जैसे कब्ज , एसिडिटी  आदि | 
२.  घुटने , जाँघ , कमर  औरपैरों  की शक्ति बढ़ती है | 
३.  पाण्डुरोग में भी यह आसन लाभकारी होता है | 
४.  मासिक धर्म से  सम्बंधित अनियमितता  दूर होती है | 
५.  ध्यान के लिए भी यह आसन बेहद उपयोगी माना जाता है |  इस आसन के अभ्यास से शारीरिक स्फूर्ति और मन की प्रसन्नता  आभास है | 


                         ( निवेदन ;  प्रिय मित्रों !! यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं |  अगर अच्छी लगी तो इसे आप शेयर जरूर करें ताकि दूसरों कोभी   इसका लाभ मिले | )

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