योगमुद्रासन की विधि व उससे लाभ
योगमुद्रासन में योग , मुद्रा और आसन तीनों के समावेश होने के कारण इसे योगमुद्रासन कहा जाता है। इस आसन को केवल 5 से 10 सेकण्ड तक ही करें और एक बैठकी में 3 बार करें।
शुरूवात में इस आसन को करने में थोडी तकलीफ होती है पर धीरे - धीरे अभ्यस्थ होने पर तकलीफ नहीं होती है।
शुरूवात में इस आसन को करने में थोडी तकलीफ होती है पर धीरे - धीरे अभ्यस्थ होने पर तकलीफ नहीं होती है।
# योगमुद्रासन की विधि #
1• श्वास सामान्य लेते हुवे एक स्वच्छ आसन / योगा मैट पर पैर फैलाकर बैठ जाऐं।
2• दाहिने घुटने को मोंड़े , और उसे बाँये जांघ पर इस प्रकार रखें कि पैर की एड़ी उदर को स्पर्श करे।
3• अब बांयी घुटने को मोंड़े , और उसे दाहिने जांघ पर उसी प्रकार रखें।
(नोट : आप पहले किसी भी घुटने को मोंड़कर रख सकते हैं। )
4• दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाऐं और बाऐं हाथ से दाहिने हाथ की कलाई पकड़ें। फिर दोनों हाथों को कमर तथा रीढ़ के मिलन स्थान पर रखें।
5• सामान्य से थोडी अधिक गति से श्वास को बाहर छोड़ें और श्वास को बाहर रोके कर रखें।
6• श्वास को बाहर रोककर शरीर को आगे झुकाकर भूमि पर टेक दें।
7• फिर 3 से 5 सेकण्ड तक भूमि पर टेके रहने के बाद धीरे - धीरे सिर को उठाकर शरीर को पुन: सीधा करें और श्वास अंदर लें।
योगमुद्रासन करने से होने वाले फायदे :
1• पेट से संबंधित बीमारी दूर होत है। जैसे : पेट में गैस बनना , कब्ज , आंतो से संबंधित बीमारी भी दूर होती है।
2• बाहर निकला हुआ पेट धीरे - धीरे अभ्यस्थ होने पर सामन्य होने लगता है।
3• पाचनक्रिया ठीक होती है।
4• रक्त से संबंधित विकार भी दूर होते हैं।
मख्यरूप से यह आसन पेट से संबंधित बीमारीयों में विशेष लाभदायक है।
सावधानी : उच्च रक्तचाप , साइटिका , गर्भावस्था और हार्निया वालों को इस आसन को नहीं करना चाहिऐ।
[ निवेदन : प्रिय मित्रों !! योग फयदेमंद तो होता ही है पर इसे उचित ढ़ंग से न किया जाऐ तो यह नुकसान भी पहुचाँ सकता है। इसलिऐ इसे आप किसी योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में करे।
यह जानकारी आपको कैसी लगी ? अच्छी लगी तो आप इसे सेयर/लाईक/कमेंट जरूर करें ताकी दूसरों को भी इससे फायदा हो। ]
Comments
Post a Comment