विश्व पर्यावरण दिवस ( world Environment Day )
प्रत्येक वर्ष 5 जून को सभी राष्ट्र विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मानते हैं | संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सन 1972 में पर्यावरण की रक्षा के लिए और इसके प्रति जागरूकता समाज में फ़ैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया |
इस दिन पर्यावरण के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए पर्यावरण से सम्बंधित कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं |
पर्यावरण की क्षति होने के कारण ही समय समय पर पूरे विश्व को प्राकृतिक आपदायें झेलनी पड़ती है | सच तो ये है कि जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे पर्यावरण की क्षति भी बढ़ती जा रही है | जो देश विश्व पटल पर सबसे ज्यादा विकसित है उसी देश में उसी देश में पर्यावरण की क्षति ज्यादा हो रही है |
दिन प्रति दिन जनसँख्या बढ़ रही है , वैसे वैसे रहने के लिए जगह कम पड़ है परिणाम स्वरुप हरे भरे काटे जा रहे हैं | ऐसा लग रहा है जैसे विकास रेश में दौड़ लगाने वाले देश ये मन के चलते हैं की उनके देश को विकास चाहिए मानव सभ्यता नहीं ! वर्तमान में अमेरिका और चीन ठीक ऐसा ही मान के चल रहे हैं |
एक बात हम सभी को समझ लेनी चाहिए कि पर्यावरण सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं |
इस दिन पर्यावरण के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए पर्यावरण से सम्बंधित कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं |
पर्यावरण की क्षति होने के कारण ही समय समय पर पूरे विश्व को प्राकृतिक आपदायें झेलनी पड़ती है | सच तो ये है कि जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे पर्यावरण की क्षति भी बढ़ती जा रही है | जो देश विश्व पटल पर सबसे ज्यादा विकसित है उसी देश में उसी देश में पर्यावरण की क्षति ज्यादा हो रही है |
दिन प्रति दिन जनसँख्या बढ़ रही है , वैसे वैसे रहने के लिए जगह कम पड़ है परिणाम स्वरुप हरे भरे काटे जा रहे हैं | ऐसा लग रहा है जैसे विकास रेश में दौड़ लगाने वाले देश ये मन के चलते हैं की उनके देश को विकास चाहिए मानव सभ्यता नहीं ! वर्तमान में अमेरिका और चीन ठीक ऐसा ही मान के चल रहे हैं |
एक बात हम सभी को समझ लेनी चाहिए कि पर्यावरण सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं |
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