वर्षा के दिनों में बिजली क्यों चमकती है ?
बरसात के मौसम में अक्सर हम लोग बाहर निकलने से थोड़ा डरते हैं कि कहीं बिजूली कपरे में ना गिर जाए। अक्सर सुनने में आता है कि फलाना खेत में काम कर रहे थे अरु बिजली उन पर गिर गई और उ मर गए। तो आइए जानते हैं आखिर क्यों चमकती है बिजली और क्यों गिरती है ......
वर्षा के दिनों में बादलों में एक प्रकार की विद्युत प्रक्रिया होती है जिसके कारण बिजली का चमकना दिखाई देता है। बादलों में जल के कण होते हैं जिसके बीच टक्कर से तेज प्रकाश और तीव्र ध्वनि सामने आती है , जिसे थंडर कहा जाता है।
जलवाष्प संवहनित हो कर ऊपर उठती है और आकाश की ऊंचाई पर ठंडे बादलों से टकराती है तो जल के कण छोटे टुकड़ों में बदल कर धनात्मक आवेश में बदल जाती है जबकि जल की बूंदों में ऋण आत्मक आवेश भी होता है।
यह आवेश अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं। इसी आवेश के प्रवाह के टक्कर होने की अवस्था में बिजली उत्पन्न होती है और चमकती है और उसकी आवाज़ के साथ तेज वर्षा प्रारंभ हो जानती है ।
वर्षा के दिनों में बादलों में एक प्रकार की विद्युत प्रक्रिया होती है जिसके कारण बिजली का चमकना दिखाई देता है। बादलों में जल के कण होते हैं जिसके बीच टक्कर से तेज प्रकाश और तीव्र ध्वनि सामने आती है , जिसे थंडर कहा जाता है।
जलवाष्प संवहनित हो कर ऊपर उठती है और आकाश की ऊंचाई पर ठंडे बादलों से टकराती है तो जल के कण छोटे टुकड़ों में बदल कर धनात्मक आवेश में बदल जाती है जबकि जल की बूंदों में ऋण आत्मक आवेश भी होता है।
यह आवेश अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं। इसी आवेश के प्रवाह के टक्कर होने की अवस्था में बिजली उत्पन्न होती है और चमकती है और उसकी आवाज़ के साथ तेज वर्षा प्रारंभ हो जानती है ।
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