समस्या का सामना
यह सच है कि मुश्किलें ही हमें अवसर प्रदान करती है। हम में से कुछ ही ऐसे लोग होंगे जो इसका अर्थ समझते हैं क्योंकि अधिकांश लोग मुश्किल समय में अपने भाग्य को कोसते हैं या नुकसान होने पर रोना रोते हैं, जबकि ऐसे समय में हमें इन परिस्थितियों का सामना करना चाहिए।
छात्रों के लिए परीक्षा , एक सबसे कठिन चुनौती होती है । परंतु जीवन में सफल होने की दिशा में यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है । परीक्षाएं वास्तव में हमारे मुश्किल समय का परीक्षण होती हैं और यदि हम अपने जीवन की समस्याओं का रोना रोकर समय बर्बाद करने के बजाए एक व्यवस्थित योजना के साथ उनका सामना करें तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
तो आइए हम एक साधारण कहानी की मदद से इस बात को समझने की कोशिश करते हैं।
एक बार की बात है, एक छोटी सी लड़की जो अपने जीवन से बहुत दुखी थी, अपने पिता से कहा “मैं अपने जीवन में अब और संघर्ष नहीं करना चाहती। ऐसा लगता है कि एक समस्या हल नहीं हुई और दूसरी शुरू हो गई।” उसके पिता जो एक शेफ थे, उसे रसोई में ले गए। उन्होंने पानी से भरे तीन बर्तन तेज आंच पर गर्म करने के लिए रख दिये। जब तीनों बर्तनों में पानी उबलने लगा तो उन्होंने एक बर्तन में आलू , दूसरे बर्तन में अंडे और तीसरे बर्तन में पिसे हुवे काफी के बिंस डालें। फिर अपनी बेटी से एक भी शब्द कहे बिना बैठ गए और उबलने का इंतजार करने लगे।
बेटी इन सब चीजों को आश्चर्य और बेसब्री से देख रही थी। 20 मिनट के बाद पिता ने बर्नर बन्द कर दिया । उन्होंने तीनों बर्तनों की सामग्री निकाली और तीन अलग-अलग कटोरे में रख दिया । फिर उन्होंने काफी बाहर निकाली और एक कप में डाल दी। उसकी ओर मुड़ कर पूछा बेटी ! तुमने क्या देखा ? उसने जल्दी से उत्तर दिया आलू , अंडे और काफी। इसके बाद पिता ने लड़की से सभी तीनों को देखकर अपनी राय देने को कहा। उसने देखा कि आलू नरम थे, अंडे पूरे उबल चुके थे और अंत में काफी बीन्स की खुशबू से उसके चेहरे पर एक मुस्कान दौड़ गई।
लड़की ने पूछा पिताजी इसका क्या मतलब है ? फिर पिता ने समझाया आलू , अंडे और कॉफी बींस प्रत्येक को समान विपरीत परिस्थिति अर्थात उबलते पानी का सामना करना पड़ा। परंतु प्रत्येक की प्रतिक्रिया अलग अलग थी । आलू मजबूत और कठोर था , लेकिन उबलते पानी में , वह नरम और कमजोर हो गया । अंडा, उबलते पानी में डाले जाने से पहले तक अपनी तरल की आंतरिक सुरक्षा करने वाले पतले बाहरी कवच के साथ नाजुक था । फिर अंडे का भीतरी भाग कठोर हो गया। हालांकि पीसे हुए काफी बीन्स अद्वितीय थे। वे उबलते हुवे पानी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने पानी ही बदल दिया और कुछ नया बना दिया।
इससे यह स्पष्ट है कि हम सभी समस्याओं पर अलग अलग तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं । लेकिन जो व्यक्ति दिए गए संसाधनों का सबसे बेहतर उपयोग करता है अंत में वही सबसे अधिक लाभ प्राप्त करता है ।
छात्रों के लिए परीक्षा , एक सबसे कठिन चुनौती होती है । परंतु जीवन में सफल होने की दिशा में यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है । परीक्षाएं वास्तव में हमारे मुश्किल समय का परीक्षण होती हैं और यदि हम अपने जीवन की समस्याओं का रोना रोकर समय बर्बाद करने के बजाए एक व्यवस्थित योजना के साथ उनका सामना करें तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
तो आइए हम एक साधारण कहानी की मदद से इस बात को समझने की कोशिश करते हैं।
एक बार की बात है, एक छोटी सी लड़की जो अपने जीवन से बहुत दुखी थी, अपने पिता से कहा “मैं अपने जीवन में अब और संघर्ष नहीं करना चाहती। ऐसा लगता है कि एक समस्या हल नहीं हुई और दूसरी शुरू हो गई।” उसके पिता जो एक शेफ थे, उसे रसोई में ले गए। उन्होंने पानी से भरे तीन बर्तन तेज आंच पर गर्म करने के लिए रख दिये। जब तीनों बर्तनों में पानी उबलने लगा तो उन्होंने एक बर्तन में आलू , दूसरे बर्तन में अंडे और तीसरे बर्तन में पिसे हुवे काफी के बिंस डालें। फिर अपनी बेटी से एक भी शब्द कहे बिना बैठ गए और उबलने का इंतजार करने लगे।
बेटी इन सब चीजों को आश्चर्य और बेसब्री से देख रही थी। 20 मिनट के बाद पिता ने बर्नर बन्द कर दिया । उन्होंने तीनों बर्तनों की सामग्री निकाली और तीन अलग-अलग कटोरे में रख दिया । फिर उन्होंने काफी बाहर निकाली और एक कप में डाल दी। उसकी ओर मुड़ कर पूछा बेटी ! तुमने क्या देखा ? उसने जल्दी से उत्तर दिया आलू , अंडे और काफी। इसके बाद पिता ने लड़की से सभी तीनों को देखकर अपनी राय देने को कहा। उसने देखा कि आलू नरम थे, अंडे पूरे उबल चुके थे और अंत में काफी बीन्स की खुशबू से उसके चेहरे पर एक मुस्कान दौड़ गई।
लड़की ने पूछा पिताजी इसका क्या मतलब है ? फिर पिता ने समझाया आलू , अंडे और कॉफी बींस प्रत्येक को समान विपरीत परिस्थिति अर्थात उबलते पानी का सामना करना पड़ा। परंतु प्रत्येक की प्रतिक्रिया अलग अलग थी । आलू मजबूत और कठोर था , लेकिन उबलते पानी में , वह नरम और कमजोर हो गया । अंडा, उबलते पानी में डाले जाने से पहले तक अपनी तरल की आंतरिक सुरक्षा करने वाले पतले बाहरी कवच के साथ नाजुक था । फिर अंडे का भीतरी भाग कठोर हो गया। हालांकि पीसे हुए काफी बीन्स अद्वितीय थे। वे उबलते हुवे पानी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने पानी ही बदल दिया और कुछ नया बना दिया।
इससे यह स्पष्ट है कि हम सभी समस्याओं पर अलग अलग तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं । लेकिन जो व्यक्ति दिए गए संसाधनों का सबसे बेहतर उपयोग करता है अंत में वही सबसे अधिक लाभ प्राप्त करता है ।
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