खुद पर भरोसा कम होने लगता है , आखिर क्यों ?
जीने की इच्छा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है जिन्हें खुद पर भरोसा नहीं होता। जी हां ! मैं आत्मविश्वास की बात कर रहा हूं।
आत्मविश्वास ही तो हमारा ऐसा साथी होता है जो अंतिम सांस तक अपना साथ निभाता है। पर क्या हो ? जब यह साथी हमारे साथ ना हो ! तो जीवन निराशा और उदासी के साथ कटता है ।
हम यहां पर उन लोगों की बात नहीं कर रहे जो आत्म-विश्वासी हैं । हम उनकी बात कर रहे हैं जिन्हें अपने आप में आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं।
अपने ऊपर विश्वास कम होना या न होना , आखिर क्यों होता है , इस पर आप कभी विचार किए हैं ? यदि किये हैं तो आप कमेंट में साझा जरूर करें ।
मैंने इस पर थोड़ा सोचा है। चलिए एक उदाहरण लेते हैं मान लीजिए , आपने अपने एक मित्र को अपने लिए कुछ कार्य करने के लिए दिया और उसने उस कार्य को नहीं किया। पहली बार आप यह सोच सकते हैं कि हो सकता है कि कुछ कारण रहा होगा जिसके कारण उसने वह कार्य न कर पाया ।
फिर कभी दूसरी बार आपने अपने उसी मित्र को कुछ कार्य करने के लिए दिया और उसने फिर आपके उस दिए हुए कार्य को नहीं किया । तो क्या होगा ? आपके मन में उसके प्रति थोड़ा सा संदेह जरूर होगा कि वह मित्र आपका कार्य नहीं करेगा।
अगर तीसरी-चौथी बार भी यही होता है तो क्या आप उस पर विश्वास कर पाएंगे ? मेरे हिसाब से तो उत्तर है शायद नहीं !
ठीक यही होता है अपने साथ। हम अपने आप से कुछ कमिटमेंट करते हैं और उसे पूरा नहीं करते हैं। यह जब लगातार बार-बार होने लगता है तो धीरे-धीरे अपने आप पर विश्वास कम होने लगता है कि हम उस कमिटमेंट को पूरा नहीं कर पाएंगे।
अब सवाल यह है कि हम अपने खोए हुए आत्मविश्वास को पुनः कैसे प्राप्त करें या अपने आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाएं ?
तो मुझे इसका सीधा-सीधा उत्तर यही लगता है व्यक्ति अपने आप से जो कमिटमेंट करे , उसे पूरा करे। यानी अपने आप को जो भी कार्य करने के लिए दिया है उसे पूरा करे अथवा जो कुछ भी संकल्प किया है , डिटरमाइन किया है उसे पूरा करें।
इसके लिए पहले अपने आप को एकदम छोटा-छोटा लक्ष्य दीजिए और उसे पूरा करो। फिर देखिए ! रिजल्ट क्या आता है ? मेरे लिए तो यह काफी अच्छा रहा ! आप भी एकबार प्रयोग करें और हमें बताएं।
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