बच्चों की लंबाई के लिए जरूरी है उचित पोषण

यदि बच्चों की लंबाई उम्र के अनुसार न बढ़े तो अभिभावकों की चिंता स्वभाविक है। हर कोई यही चाहता है कि उसके बच्चे का विकास उम्र के साथ सही दिशा में हो , सही ढंग से हो।

जिस प्रकार एक छोटा पौधा अनुकूलित वातावरण, मिट्टी, खाद ,पानी मिलने पर ही वह आगे चलकर वृक्ष का रूप लेता है और फल फूल देता है । उसी तरह बच्चा भी उचित भोजन और अनुकूलित वातावरण मिलने पर ही विकसित होता है।

अभिभावकों को समय-समय पर अपने डॉक्टर से बच्चों की जांच करवा कर उसके विकास का आकलन करवाते रहना चाहिए ।

लंबाई ना बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं । डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि “ समय पर इलाज मिलने से कद बढ़ सकता है । अधिक छोटे कद के बच्चे ग्रोथ हार्मोन ट्रीटमेंट ले सकते हैं । ट्रीटमेंट पुरा न करवाने पर नुकसान भी हो सकता है । हार्मोन ट्रीटमेंट से 2 से 3 इंच तक लंबाई बढ़ सकती है । ”

लंबाई बढ़ाने के लिए भोजन में विटामिन ए , विटामिन डी , आयरन एवं कैल्शियम की उचित मात्रा होना जरूरी है । प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ के लिए भोजन में दूध को शामिल करना चाहिए।

हमारे देश के बच्चों की औसत लंबाई विश्व की औसत से बहुत कम है । 40% बच्चे अपनी निश्चित लंबाई प्राप्त नहीं कर पाते । इसका कारण है उचित पोषण का शरीर में कमी होना।

नींद भी बच्चों की लंबाई को बहुत प्रभावित करता है। रोजाना 10 से 12 घंटे की नींद और रात में जल्दी बिस्तर पर जाने से लंबाई में काफी फर्क पड़ता है। शारीरिक व्यायाम और शरीर की क्रियाशील होना भी लंबाई बढ़ाने के लिए जरूरी है । इसलिए खेलकूद ,  इन रनिंग आदि करते रहना चाहिए।

बहुत सारे मामलों में बच्चों की लंबाई अपने माता-पिता की औसत लंबाई जितनी ही होती है। सामान्यतः लड़की की मां की लंबाई और लड़के के पिता की लंबाई के अनुसार बच्चे की लंबाई में बढ़त होती है ।

लड़कियों में लंबाई बढ़ने की तेजी 8 से 13 वर्ष की उम्र के बीच आती है और लड़कों में 10 से 15 वर्ष की उम्र में आती है । धीमी गति से लंबाई 18 से 21 वर्ष तक बढ़ती रहती है ।

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